लेखनी कहानी -14-Nov-2023
बे वजह बे सवाल रहता हूं। सोच कर बे खयाल रहता हूं।
अपनी शर्तों पर जी रहा हूं मैं। इसलिए बेमिसाल रहता हूं।
मैं मोहब्बत का एक परिंदा हूं। इश्क में डाल डाल रहता हूं।
बहुत खामोशियां मिजाजी है। चुप रहूं तो धमाल रहता हूं।
अब किसी से गिला न शिकवा है। भूल कर हर मलाल रहता हूं।
साथ रखता हूं मैं "सगीर" दुआ। हर घड़ी मैं निहाल रहता हूं।
Gunjan Kamal
15-Nov-2023 02:02 PM
👌👏
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Reena yadav
15-Nov-2023 10:24 AM
👍👍
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Punam verma
15-Nov-2023 08:46 AM
Nice👍
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